Friday, April 22, 2022

कुछ ख़्वाब तक है ये जिन्दगी


कुछ ख़्वाब तक है ये जिंदगी

कभी  आस्था का दिया लिए
कभी  नींद  का  सौदा  किये
कभी व्यस्तता में  उलझ गए
कभी फ़ुरसतों में ही जी लिए

अपनी अलग दिल  की  लगी
कुछ ख़्वाब तक है ये जिंदगी

कभी  रास्तों  से भी बात की
कभी  मंजिलें भी तलाश कीं
कभी  बिन थके हम  सो गए
कभी  रात   भर  जगते   रहे

तारों   के  भीड़  में  चाँद  सी
कुछ ख़्वाब तक है ये जिंदगी

ना   अमरता   की   चाह   है
बस  मृत्यु   तक   ही  राह है
इस   जिंदगी   की  दौड़   में
कहीं  दब  गई  इक  आह है

अपनी कही,  किसने सुनी ?
कुछ  ख़्वाब तक  है जिंदगी...


                                                            @timit_pathil

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कुछ ख़्वाब तक है ये जिंदगी कभी  आस्था का दिया लिए कभी  नींद  का  सौदा  किये कभी व्यस्तता में  उलझ गए कभी फ़ुरसतों में ही जी लिए अपनी अलग द...