Monday, November 16, 2020

।। एक सदी ।।

जैसे वक्त ठहर कर ढूंढ़ने लग जाए रास्ता.. जैसे रुक कर लहरें नापने लगें किनारों तक की दूरी.. जैसे रुक गई हो एक उम्र किसी के इंतज़ार में.. वैसे ही तुम्हारी यादें खुद में समेट करके ढ़ेर सारे लम्हों को.. पकड़ कर साँसों की डोर.. धड़कनों की सीढ़ियों पर अपनी पायल की रुनझुन से बचना चाहते हुए सहज सहज बढ़ते हुए रोक लेती हैं.. एक सदी... 


                                                            ©timit_pathil

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कुछ ख़्वाब तक है ये जिन्दगी

कुछ ख़्वाब तक है ये जिंदगी कभी  आस्था का दिया लिए कभी  नींद  का  सौदा  किये कभी व्यस्तता में  उलझ गए कभी फ़ुरसतों में ही जी लिए अपनी अलग द...